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  • लेखक की तस्वीरLalita Tripathi

व्रत को लेकर क्या कहता है आयुर्वेद ?

व्रत, उपवास या फास्टिंग ये हमारे लिए कितना जरुरी है इसके बारे में आपने कई बार सुना होगा पढ़ा होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आयुर्वेद क्या कहता है व्रत, उपवास या फास्टिंग को लेकर।


आयुर्वेद मानता है सबसे बड़ी औधषि

आयुर्वेद के अनुसार उपवास ऐसी औषधि है जो दुनिया में कहीं नहीं मिलती। ये बेहद आसान होती है और आपके पूरे शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकल देती है और शरीर को पूरी तरह से साफ करती है| इसके साथ ही उपवास करने से शारीरिक कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है। आयुर्वेद में भी उपवास यानी पेट को खाली रखने की प्रथा रही है। हालांकि हर बीमारी का इलाज उपवास नहीं होता लेकिन यह अधिकांश शारीरिक समस्याओं में कारगर रहता है। दरअसल उपवास का धार्मिक अर्थ न ग्रहण करते हुए इसका चिकित्सकीय रूप समझना चाहिए। आयुर्वेद में बीमारी को दूर करने के लिए शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने की बात कही जाती है और ऐसा माना जाता है की उपवास करने शरीर से विषैले तत्व निकल जाते हैं|

ध्यान रहे डायबिटीज के मरीजों के लिए उपवास रखना बहुत जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि उपवास करने से मरीज़ को हाइपोग्लाइसिमिया या ब्लड शुगर लेवल में अचानक गिरावट हो सकती है| हाइपोग्लाइसिमिया की वजह से डायबिटीज के मरीज़ के स्वस्थ्य सम्बन्धी अन्य समस्याओ के साथ ही दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है और मरीज बेहोश हो सकता है। इसीलिए डायबिटीज के मरीजों को उपवास नहीं रखना चाहिए, यदि उपवास रखना ही चाहते हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरुर ले। और उपवास के दौरान डॉक्टर द्वारा बताये गए नियमों का सख्ती से पालन करें|

किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे व्यक्तियों को व्रत या उपवास करने से पहले अपने चिकित्सक से जरुर सलाह लेना चाहिए ताकि उपवास का सेहत पर नकारात्मक असर न हो|

उपवास से जुड़े नियम

उपवास कैसे करना चाहिए कब करना चाहिए, क्या लेना चाहिए, व्रत करने से पहले ये जानना बेहद ज़रूरी होता है। उपवास एक दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक का हो सकता है। उपवास के दौरान कुछ लोग बिल्कुल खाली पेट रखते हैं तो वो भी बढ़िया है। कुछ वक्त पेट को बिल्कुल विश्राम दें। कुछ लोग सिर्फ पानी पर रहते हैं। तो इसके लिए आप पानी में कुछ चीजें डाल सकते हैं जैसे नींबू वगैरह। हालाकि स्वास्थय संबंधी अगर कोई समस्या हो तो उपवास से बचना बेहतर होगा। उपवास कई तरह के हो सकते हैं जैसे - कुछ लोग केवल पानी का सेवन करते हैं, कुछ पानी के साथ जूस और चाय का सेवन करते हैं, पर ये ध्यान रखना चाहिए की चाय कभी भी खाली पेट नहीं लेना चाइये, क्योंकि खाली पेट चाय लेने से गैस की समस्या हो सकती है। आमतौर पर जो उपवास रखा जाता है, उसमें लोग अन्न व मांसाहार से दूर रहते हैं। धार्मिक आस्था और मान्यताओं के अनुसार उपवास में खाने-पीने की कुछ चीजें चलती हैं, कुछ नहीं।

उपवास के खानपान के बेहतरीन विकल्प

उपवास के दौरान कुछ खास तरह की चीजें खाना सेहत के लिए सही होता है। सेब उपवास के दौरान खाया जाने वाला बेहतरीन फल है। इससे न केवल वजन कम होता है बल्कि पेट भी भरा-भरा महसूस करता है। साथ ही दूध दही का सेवन करने से शरीर को कैल्शियम मिलता है और हड्डियां मजबूत होती हैं। व्रत में ड्राई फ्रूट्स भी लेने जरुरी होते हैं।साथ ही साथ फलों का सेवन जरुर करें।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन है उपवास

उपवास शरीर को साफ करता है जिसकी वजह से स्वास्थ्य बेहतर होता है, नींद का चक्र सुधरता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और साथ ही फायदेमंद आहार ओर शारीरिक पोषण तय करने संबंधी जानकारी मिलती है। ध्यान रहे व्रत उपवास बिल्कुल सात्विक होगा तभी वो आपके शरीर के लिए अच्छा होगा। इसलिए जो भी खाएं स्वास्थ्यवर्धक चीजें खाएं जिससे आपके अंदर ताकत आए और आप हर वक्त अच्छा महसूस करें। क्योंकि ध्यान रहे जैसा खाएंगे वैसा ही सोचेंगे और वही आपके शरीर को मिलेगा। तो अगर उपवास किया है तो उसका अच्छा परिणाम भी मिलेगा।


(सलाह सहित यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है| यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकत्सकीय राय का विकल्प नहीं है| अपने स्वस्थ्य सम्बंधित जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें)

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